लगभग सारे भारत मे मानसून ७ जून तक आ जाता हैं। पर इस बार मानसून की झलक हर जगह जल्दी नहीं दिखाई दे सकती। तो सभी किसान भाइयो को सूचित किया जा रहा हैं की, मौसम विभाग की अनुमान और अपनी सूझबुझ से काम लीजिये। समय-समय पर बारिश की खबरे और अपने इलाके मे हो रही बारिश के अनुसार ही बुवाई करे। अगर आप बुवाई करने मे जल्दबाज़ी कर रहे हो तो जरा रुककर अपना फैसला लीजिये ताकि, फिरसे बुवाई करने की बारी आप पर ना आए। किसान भाइयो और बहनो पर आप जो भी बुवाई के पहले किए जाने वाले कार्य समय से पहले कर लीजिये। जैसे की हल चलना, मिट्टी की जांच, फर्टिलायजर कौनसा लाना हैं, बीज कौनसे जो आपको पसंद हैं, जैविक खाद यदि आप वह इस्तेमाल करने जा रहे हो तो, आवारा पशुओ से कैसे फसल की रक्षा करे इत्यादि। यदि आप सभी तरह का नियोजन पहले से ही कर रहे हो तो आपके कम आसान हो जाएंगे। किसी भी जगह नियोजन और व्यवस्थापन की सोच आपको आपका काम आसान करती हैं। मानसून मे खेती करनी हो तो हम आने वाले आपदा का भी विचार करना चाहिए और हमारे स्तर पर हम उससे के कैसे निपटे उसका भी नियोजन होना चाहिए। हमारा खर्चा कम और उत्पाद ज्यादा कैसे हो इसपर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। बाजार मे अभ्यास करकर कौनसा बीज अधिक उत्पाद देगा, नयी तकनिके, मशीन का इस्तेमाल अपनी जेब से कम से कम पैसा जाकर अच्छी फसल का नियोजन करे।
। बाजार मे हर तरह के बीज और खाद के ढेरों विज्ञापन मिलते है पर हमे प्रलोभन से बचकर आगे सोचकर उत्तम नियोजन करना चाहिए। हमारा तो मानना हैं की किसान अपने घर पर ही जैविक खाद तैयार कर अपने खाद पर होनेवाला खर्च कम कर सकते हैं। इससे जैविक खाद भी मिलेगा और समय, पैसा बच जाएगा। हमारे खेत मे घर के गाय का गोबर खाद, केंचुआ खाद और जैविक कूडे-कचरे से मिलने वाली कंपोस्ट खाद के भी सस्ते विकल्प ही चुने। आपको आएदिन किसान समाचार, इंटरनेट पर हर जगह मौसम का हाल की जानकारी रखनी होगी। आजकल मोबाइल पर खेती के एवं मौसम के जानकारी देनेवाले बहुत सारे अप्लीकेशन उपलब्ध हैं उनका भी इस्तेमाल करे। मिट्टी के तत्व कौनसे हैं, उस मिट्टी मे कौनसी कमी हैं इसकी जानकारी आपको मिट्टी की जांच कर रही करनी होगी। सबसे पहले जरूरी बात की आप अपने किसान भाई-बहनो की मदत करे, जो किसान अशिक्षित हैं उन्हे भी आप के पास होनेवाली अच्छी और सही जानकारी हररोज देना ना भूलिए।
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