#मूली_की_खेती
#मूली की #खेती मैदानी इलाकों में #सितंबर से #जनवरी तक और पहाड़ी इलाकों में #मार्च से #अगस्त तक आसानी से की जा सकती की फसल से 2 महीने बाद खेत खेत खाली हो जाता है मूली की खेती ठंडे इलाकों से ले कर ज्यादा तापामन वाले इलाकों में भी की जा सकती है, लेकिन ज्यादा तापमान वाले इलाकों में मूली की फसल कठोर और चरपरी होती है
#मूली के लिए ऐसी #जमीन_का_चयन_करना चाहिए, जो हलकी #भुरभुरी हो और उस में जैविक पदार्थों की भरपूर मात्रा हो. मूली के खेत में खरपतवार नहीं होने चाहिए, क्योंकि उन से जड़ों की बढ़वार रुक जाती है
#खेत_की_तैयारी : मूली की फसल लेने के लिए खेत की कई बार जुताई करनी चाहिए. पहले 2 बार #कल्टीवेटर से जुताई कर के #पाटा लगा दें, उस के बाद गहरी जुताई करने वाले हल से जुताई करें
#मूली_की_उन्नत_किस्में : मूली की फसल लेने के लिए ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए, जो देखने में सुंदर व खाने में स्वादिष्ठ हो. मूली की रैपिड रेड, पूसा चेतवी, पूसा रेशमी, पूसा हिमानी, हिसार मूली नंबर 1, पंजाब सफेद व व्हाइट टिप वगैरह किस्मों को अच्छा माना जाता है
#मूली_की_1_हेक्टेयर_खेती_के_लिए करीब #10_किलोग्राम_बीज की जरूरत पड़ती है. बारिश के मौसम में मेंड़ बना कर इस की बोआई की जाती है, जबकि दूसरे मौसमों में इसे समतल जमीन में भी उगाया जा सकता है
#सिंचाई : बारिश के मौसम में मूली की फसल को सिंचाई की कोई जरूरत नहीं होती है, लेकिन गरमी में 4-5 दिनों के अंतराल पर फसल की सिंचाई करते रहना चाहिए. सर्दी वाली फसलों की सिंचाई 10-15 दिनों के अंतराल पर करनी चाहिए
#उपज_व_लाभ : मूली की फसल जब कोमल हो तभी इस की खुदाई कर लेनी चाहिए, क्योंकि ऐसी अवस्था में इस के दाम बहुत अच्छे मिलते हैं. बोआई के 30-35 दिनों बाद मूली की फसल उखाड़नी शुरू कर देनी चाहिए
1 Comments
thank you sir Muli Ki Kheti Kaise kare aapne full information di h
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