परंपरागत खेती से हो रहे घाटे को पाटने के लिए कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान नित्य नये नये प्रयास करते रहते हैं।ईसी क्रम में ब्लैक व्हिट यानी काला गेहूं का सृजन हुआ है । बिहटा प्रखंड के डिहरी निवासी किसान गिरी जी ने ईसका सफल उत्पादन किया हैं। कहते हैं ईसको लगाने की सारी प्रक्रिया आम गेहूं के जैसा है। उत्पादन भी समतुल्य ही हैं ।
हां महंगा बिकता है इसलिए फायदे का सौदा है। बताते चले की ब्लैक व्हिट के बारे में दावा है की यह गेहूं आम गेहूं के मुकाबले कई गुणा पोष्टिक हैं।कैसर, डाइबिटीज और दिल के असाध्य बिमारियों में मददगार साबित हो सकता है। ईन सब कारणों से बहुत महंगा बिकता हैं।दावे में बहुत हद तक सच्चाई भी हैं। दरअसल काले गेहूं में एंथोसाएनिन नाम के पिगमेंट होते हैं। एंथोसाएनिन की अधिकता से फलों, सब्जियों, अनाजों का रंग नीला, बैंगनी या काला हो जाता है। एंथोसाएनिन नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है। इसी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है।
जहां आम गेहूं में एंथोसाएनिन महज 5पीपीएम होता है, वही काले गेहूं में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है। एंथोसाएनिन के अलावा काले गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है। काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है। हालांकि, प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं।वही मुल्य की बात करे तो आम गेहूं जहाँ मंडियों 1600 रूपये प्रति क्विंटल के आस पास बिकता है वहीँ काला गेहूं की कीमत (Black Wheat Price) 3200 रूपये से लेकर 5000 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक है यानी बेशक यह फ़ायदे का सौदा हैं।
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