#मछली_पालन करने से पहले आपको इन बातों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए।
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बहुत सारे लोग मछली पालन के द्वारा अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। बहुत सारे युवाओं को मछली पालन के माध्यम से स्वरोजगार मिल रहा है। मछली पालन में  सुरक्षित भविष्य है क्योंकि

फूड एंड एग्रीकल्‍चर ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट बताती है कि 2030 में भारत में मछली की कंजप्‍शन चार गुणा बढ़ जाएगी। वहीं दूसरी ओर मछली की पौष्टिकता भी बड़ी कमाल की होती । इसमें उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, आयोडिन, खनिज और विटामिन होते हैं जो बाकी के खाने की चीजों में नहीं मिल पाता है, .


- मछली में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन डी और विटामिन बी 2 होता है जो शरीर के साथ-साथ दिमाग को भी ताकतवर बनाता है.
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मछली पालन करने के लिए सबसे पहले तालाब या टैंक का निर्माण करना होता है. इसको बनाने के लिए आपको जमीन की जरुरत पड़ती है. अर्थात सबसे पहला कदम तालाब या मछलियों के रखने के स्थान का निर्माण करना 

मत्स्य या मछली पालन के लिए उचित स्थान का चयन करना बेहद आवश्यक है, ध्यान रखे की मछली पालन में वातावरण एवं जगह का बहुत फर्क पड़ता है. उदाहरण के तौर पर सर्दियों में या ठंडे इलाकों में मछली का आकार धीमी गति से बढ़ता है. अगर आप भारत में रहते हैं, तो कोशिश करें की तालाब का निर्माण सर्दियों के मौसम में पूरा कर लें. जिससे गर्मियां आने से थोड़ा पहले ही आप मछलियों को पालना शुरू कर दें.

मत्स्य पालन हेतु तालाब या स्थान का निर्माण (Pond Design And Construction process)

तलाब या टैंक का निर्माण आप कई तरीकों से कर सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अगर आप मेहनत और समय बचाना चाहते हैं. तो प्लास्टिक के बड़े-बड़े टैंक खरीद सकते हैं. वहीं अगर आप जमीन पर इसका निर्माण करना चाहते हैं, तो आप मशीन की सहायता से उस जगह को तालाब के आकार में बना सकते हैं. वहीं अगर आपका बजट कम है तो आप फावड़े मदद से भी तालाब का निर्माण आसानी से कर सकते हैं. निर्माण करने के बाद ब्लीचिंग पाउडर और मिट्टी में चूने का छिड़काव जरूर कर दें. ऐसा करने से चयनित क्षेत्र में मछलियों को हानि पहुंचाने वाले कीट एवं अनावश्यक जीव मर जाते हैं.

मछलियों के खाने और जिन्दा रहने के इंतजाम (fish farming feeding systems)

मछलियों के व्यापार को तेजी देने के लिए जरूरी है कि मछलियां तालाब में जिन्दा रह सकें और उनकी संख्या बढा सकें. इसलिए आपको मछलियों के आवश्यक खाने का इंतजाम पहले ही कर लेना चाहिए. ध्यान रहे कि भोजन मछलियों के लिए अनुकूल होना चाहिए और हो सके तो मछली की प्रजाति को ध्यान में रखते हुए उनके खाने का इंतजाम करें. इतना ही नहीं उसके साथ ही तालाब के पानी को लेकर भी सावधानी बरतना जरूरी है. पानी सही है कि नहीं इसकी जांच करने के बाद ही इसको तालाब में डालें.

भारत में मछलियों की प्रजातियां (Selection of Fish Breeds)

मछली पालन के लिए सबसे महत्वपूर्ण एवं आवश्यक चीज है फार्मिंग के लिए मछली की प्रजाति का चुनाव करना. भारत में रेहू, कतला, मुर्रेल, टूना, ग्रास शार्प एवं हिस्ला मछलियों की प्रजातियां ही मुख्य रूप से पायीं जाती हैं. इस तरह की प्रजातियां मानसून एवं परिस्थितियों के हिसाब से अपने आपको ढाल भी सकती है. मतलब भारत में कारोबार करने के लिए इस तरह की मछलियां चयन करना लाभदायक साबित होगा. वहीं ये प्रजातियां भारत में आसानी से मिल जाती इसलिए इनके दाम भी काम होते हैं.