एक सवाल है आपसे?
सवाल इसलिए नहीं है कि मैं आपसे कुछ जानना चाहता हूं बल्कि कुछ बताना है आपको इसी सवाल बहाने!
आपके यहां जर्सी या फ्रिजियन गाय तो होगी ही । चलो मान लिया नहीं भी होगी तो आप इसका दूध तो अवश्य ही पीते होंगे। अब भाई दूध पीने में भी आप का क्या कसूर ? है न !
आपको बताया गया है कि दुध एक संपूर्ण आहार है ।प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल्स का भंडार है। मेरा आपसे एक मशवरा है। मत
मत पीजिए यह दूध ।हो सके तो आज से ही छोड़ दीजिए। छोड़ना क्या है बिल्कुल त्याग दीजिए।
मैं ऐसा क्यों बोल रहा हूं ?
वआप दो लाइन में समझ सकते है पर कंप्लीट थ्योरी के साथ समझना चाहे तो नीचे तक स्क्रॉल कर सकते हैं। बात कुछ ऐसा है की जर्सी और फ्रीजियन गाय का दूध ए वन टाइप का होता है ।अब यह जो यह ए वन टाइप है वह हमारी इंसानी शरीर को सूट ही नहीं करता। हम उसे डाइजेस्ट नहीं कर पाते ।और ईस कारण से कुछ बीमारियां होती है ।इन बीमारियों में काफी कुछ आम बीमारियां हैं। जिसका नाम आप भी जानते होंगे जैसे टाइप वन डायबिटीज, दिल की बीमारी कुछ और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी उत्पन्न होती है साथ ही एक दो और कंपलेक्स चीजें होती है जिसका बारे में आपको नीचे जानकारी मिलेगी। अब यहां तक आ जाने के बाद आप दो काम कर सकते हैं। पहला तो यह कि आप समझ जाए की जर्सी और फ्रीजियन गाय का दूध हमारे लिए हानिकारक है और अपने लिए देसी प्रजाति की गाय की व्यवस्था करें। उसके दूध की व्यवस्था करें और इस आर्टिकल को खूब शेयर करें ।दूसरा काम आप यह कर सकते हैं अगर आपको पूरा विश्वास ना हो हमारे ऊपर तो इसको नीचे तक खूब मन लगाकर पढ़िए पूरा डिटेल में है और तब फिर से शेयर कीजिए सबूत के साथ तथ्यों के साथ सबको बताइए कि जर्सी गाय फ्रीजियन गाय बिल्कुल फालतू है। बकवास है। बीमारियों की जनक है। जल्दी सबको मुक्ति मिले जल्दी सब को तंदुरुस्ती मिले ।
जैसा आप सब जानते हैं की दूध
एक संपूर्ण पौष्टिक आहार है जिसे अधिकतर हर वर्ग के लोग पीते हैं. इसमें कैल्शियम और प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत होता है. इसके अंदर और भी विभिन्न तत्व पाए जाते हैं जैसे लैक्टोज, फैट, अन्य विटामिन्स और मिनरल्स. क्या आप जानते हैं कि दूध में दो प्रकार के प्रोटीन होते हैं: वेह (whey) प्रोटीन और केसीन (casein) प्रोटीन.

केसीन प्रोटीन भी दो तरह का होता है: अल्फा केसीन और बीटा केसीन. दूध में पाए जाने वाले प्रोटीनों का सबसे बड़ा समूह केसीन का ही होता है जो कुल प्रोटीन का 80% होता है.

यहीं अगर हम बात करें तो बीटा केसीन भी दो रूपों में पाया जाता है एक A1 और दूसरा A2. आपने A1 और A2 मिल्क के बारे में तो सुना ही होगा. ये किस प्रकार का दूध होता है, क्या अलग-अलग गाय A1 और A2 दूध देती हैं, इस दूध की क्या विशेषता है, क्या नुक्सान हैं, A1 और A2 दूध में क्या अंतर होता है, इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

A1 और A2 दूध में क्या अंतर होता है?

आज के टाइम में इंटरनेशनल मिल्क मार्किट में है और पूरी दुनिया में रिसर्च हो रही है की आखिर A1 और A2 मिल्क है क्या. इन दोनों मिल्क में क्या अंतर होता है. किसी भी देश की अगर हम बात करें तो दूध सभी पीते हैं चाहे वो रूस हो, अमेरिका, भारत इत्यादि. दूध बच्चों के न्यूटरीशन का बहुत इम्पोर्टेन्ट हिस्सा माना जाता है.
मार्केट में दो प्रकार का दूध मिलता है; A1 दूध और A2 दूध. A1 मिल्क A1 टाइप की गाय देती हैं और A2 मिल्क A2 किस्म की गाय देती हैं. अगर मेजोरिटी की बात करें तो भारत में और दुनिया भर में आजकल A1 दूध को ही पीया जा रहा है. A2 दूध की खपत कम होती है.

A2 दूध मिलता है प्राचीन ब्रीड की गाय से या जो काफी लंबे समय से गाय की ब्रीड चलती आ रही है या फिर देसी गाय से. कुछ हद तक जो ईस्ट अफ्रीकन जगहों में जो गाय मिलती हैं और उनसे जो दूध मिलता है उसको A2 मिल्क कहते है. वहीं A1 दूध मिलता है फॉरेन ब्रीड गाय से या जो मिक्स्ड रेस की गाय होती हैं उनसे.

जैसे की ऊपर देखा हमने की दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होता है. प्रोटीन कई प्रकार के होते हैं उसमें से एक प्रकार है केसीन. ये सबसे ज्यादा मिल्क प्रोटीन में होता है. यानी दूध में 80% केसीन प्रोटीन ही पाया जाता है. मगर जो देसी गाय A2 दूध देती हैं उसमें केसीन प्रोटीन के साथ-साथ एक खास प्रकार का अमीनो एसिड भी निकलता है जिसे हम प्रोलीन (prolin) कहते हैं. क्या आप जानते हैं कि दूध में जो प्रोटीन होता है, वह पेप्टाइड्स में तब्दील होता है. बाद में यह अमीनो एसिड्स का स्वरूप लेता है. देखा जाए तो अमीनो एसिड काफी इम्पोर्टेन्ट होता है हमारी सेहत के लिए परन्तु ये अमीनो एसिड जो A2 गाय में मिलता है ये आगे जा कर एक बहुत अहम भूमिका निभाता है.

A1 गाय भारत में सबसे ज्यादा पाई जाती हैं, बाहर के देशों में भी अधिकतर ये ही गाय मिलती हैं, इन्हें हाइब्रिड गाय भी कहते हैं. A1 गाय के दूध में एक अलग प्रकार का अमीनो एसिड होता है जिसे हिस्टीडाईन (histidine) कहते है.

इन सबमें अमीनो एसिड का काफी बड़ा रोल होता है. पर कैसे? आइये अध्ययन करते हैं.

A2 दूध में जो प्रोलीन मिलता है वो हमारो बॉडी में BCM 7 को पहुचने से रोकता है. परन्तु क्या आप जानते हैं कि BCM 7 ( Beta- Casomorphin-7) क्या है.

BCM 7 एक ओपीओइड पेप्टाइड (opioid peptide) होता है. यह एक छोटा-सा प्रोटीन है, जो हमारी बॉडी में नहीं पचता है. इससे अपच ( indigestion) हो सकता है और कई शोध से भी पता चला है कि और भी कई तरह की परेशानियाँ या बीमारियाँ हो सकती हैं जैसे मधुमेह इत्यादि. यानी हम कह सकते हैं कि A2 दूध में प्रोलीन अमीनो एसिड BCM 7 को हमारे शरीर में जाने से रोकता है. मगर जो A1 गाय हैं वो प्रोलीन नहीं बनाती हैं तो इससे जो BCM 7 है वो हमारे शरीर में जाता है और बाद में ब्लड में भी धीरे-धीरे घुल जाता है.

इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि BCM 7 प्रोटीन A2 दूध देने वाली गायों के यूरीन, ब्लड या आंतों में नहीं पाया जाता है, लेकिन यही प्रोटीन A1 गायों के दूध में पाया जाता है, इस कारण से A1 दूध को पचाने में तकलीफ होती है.

अब हम जानेंगे की BCM 7 हमारे शरीर के लिए कितना खतरनाक है और इस पर हुई रिसर्च क्या कहती हैं. कुछ रिसर्च से ये भी ज्ञात हुआ है कि A2 दूध को पचाना ज्यादा आसान होता है. US National Library of Medicine National Institutes of Health की रिपोर्ट के अनुसार A1 बीटा केसीन वाले दूध में ज्यादा मात्रा में BCM 7 होता है. अगर ये बच्चों को दिया जाए तो उनमें मधुमेह की समस्या बढ़ जाएगी. इस रिसर्च को स्कॅन्डिनेवियन और नीदरलैंड में किया गया था. यहां पर ये पाया गया कि लोगों को मधुमेह की ज्यादा समस्या है. इसके लिए लाइफस्टाइल वगेरा तो कई कारणों मे से है ही साथ ही A1 दूध भी कुछ हद तक ज़िम्मेदार है. हार्ट की बिमारी का होना भी कुछ हद तक इस दूध के साथ जोड़ा गया है.

कुछ रूस के शोधकर्ताओं के अनुसार BCM 7 बच्चों के ब्लड में पास हो जाता है और ये ब्रेन से मांसपेशियों के बीच में होने वाले विकास को भी कुछ हद तक बाधाएं पैदा करता है. इस रिसर्च को इंटरनेशनल जर्नल पेप्टाइडस में पब्लिश किया था.

एक और रिपोर्ट Indian Journal of Endocrinology and Metabolism 2012 के अनुसार मधुमेह टाइप 1 का कुछ A1 दूध से कनेक्शन है और इसके अलावा हार्ट की समस्या, मेंटल डिसऑर्डर, ऑटिज्म, एलर्जी से बचाव न कर पाने जैसी कमियां और schizophrenia का होना भी क्योंकि BCM 7 ब्लड से ब्रेन में चला जाता है. साथ ही कुछ और भी रिसर्च हैं जिनके अनुसार A1 दूध को लेने से कोई नुक्सान नहीं होता है. ये किसी भी प्रकार की शरीर में हानि नहीं पहुंचाता है. इसलिए सही तरह से ये कहना गलत होगा कि A1 दूध नुक्सान दायक है.

. ऐसा पूर्ण रूप से अभी तक प्रूव नहीं हो सका है.

अब अध्ययन करते हैं ऑपरेशन फ्लड के बारे में ये क्या है और क्यों लाया गया था?

वर्ष 1970 में नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ने ऑपरेशन फ्लड की भारत में शुरुआत की थी ताकि भारत में आबादी के बढ़ने से जो दूध की कमी हो रही है उससे निपटा जा सके. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य था दूध के उत्पादन में व्रद्धी, ग्रामीण उत्पादन को बढ़ावा देना और उपभोगताओं को उचित मूल्य प्रदान करना. इन उद्देश्य की आपूर्ति के लिए यूरोपीय प्रजातियों और उच्च संव्रद्धि के लिए विदेशी संकर प्रजातियों के आयात के साथ क्रॉस-प्रजनन का उपयोग किया गया. जिसके कारण भारत में देसी गायों की कमी हो गई.

तो अब आपको ज्ञात हो गया होगा कि A1 और A2 दूध में क्या अंतर होता है, किसमें किस प्रकार का प्रोटीन पाया जाता है और सबसे ज्यादा किस दूध का उत्पादन पूरी दुनियां में हो रहा है इत्यादि.