वो मुर्गा जिसका मीट और खून भी काला होता है मिनिमम ₹600 किलोग्राम बिकता है इसका मीट !
------------------------------------------------------- क्या आप काले चिकन के बारे में जानते हैं ? शायद नहीं जानते होंगें ? काला मुर्गा आसानी से उपलब्ध नहीं होता है और यह देश के कुछ हिस्सों में ही पाया जाता है। इस काले मुर्गे को कड़कनाथ चिकन के नाम से जाना जाता है। आजकल यह कड़कनाथ चिकन लोगों का बिजनेस करने का एक बहुत ही शानदार जरिया बन चुका है। अगर आपके पास 1000 काले मुर्गे हैं तो आप 10 लाख तक की कमाई बहुत ही कम दिनों में कर सकते हैं। कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गो से बेहतर होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा न के बराबर पाई जाती है. यह विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है. यह अन्य मुर्गो की तुलना में लाभकारी है. इसका रक्त, हड्डियां और सम्पूर्ण शरीर काला होता है. यह दुनिया में केवल मध्यप्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर में पाया जाता है. कड़कनाथ चिकन प्रमुख रुप से मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की ब्रीड है। यह मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले का मुर्गा है। लेकिन अब यह मुर्गा देश के कई हिस्सों जैसे कि तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र और बिहार जैसे कई राज्यों में पाया जाने लगा है। अब इस मुर्गे की डिमांड पूरे देश में होने लगी है।
50 रुपए में एक अण्डा और 500 रुपए में एक मुर्गा
आपको बता दें कि कड़कनाथ मुर्गे का एक अण्डा जहां 50 रुपए का मिलता है तो वहीं एक मुर्गा आपको 500 रुपए में मिलेगा। तो वहीं एक दिन की चूजे की कीमत आपको 70 रुपए चुकानी होगी। अगर आप फुटकर बाजार से काला मुर्गा खरीदते हैं तो हो सकता है आपको 350 से 450 रुपए तक मिल जाए और अण्डा 25 रुपए तक में मिल सकता है।
कैसे करें कड़कनाथ मुर्गे का बिजनेस
अगर आप इस मुर्गे का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको कुछ बातें ध्यान में रखनी होगी। अगर आप 100 चिकन रख रहे हैं तो आपको 150 वर्ग फीट की जगह की जरुरत होगी। तो वहीं अगर आपको 1000 काले मुर्गे रखने हैं तो आपको 1500 वर्ग फीट की जगह की जरुरत होगी। मुर्गे का फॉर्म गांव या शहर से बाहर मेन रोड से दूर हो, पानी या बिजली की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। हो सके तो फॉर्म उंचाई पर हो ताकि पानी का जमाव आस-पास न हो।
कड़कनाथ के पालन में इन बातों का रखना होगा ध्यान
चूंजों और मुर्गियों को अंधेरे में या रात में खाना नहीं देना चाहिए। मुर्गी के शेड में प्रतिदिन कुछ घंटे प्रकाश की आवश्यकता भी होती है। दो पोल्ट्री फॉर्म एक-दूसरे के करीब न हों। एक शेड में हमेशा एक ही ब्रीड के चूजे रखने चाहिए। पानी पीने के बर्तन दो-तीन दिन में जरुर साफ करें। फॉर्म में हवा और पर्याप्त रोशनी हो।
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